Tuesday, October 14, 2025
25.1 C
New Delhi

जीवन मंत्र

खाटूश्यामजी बाबा की आरती में समय परिवर्तन, अब सुबह 7:15 से होगी श्रृंगार आरती

खाटूश्यामजी: खाटूश्यामजी बाबा मंदिर की प्रबंधन समिति ने एक...

Automobile

Motivational

Mark Zuckerberg : Facebook CEO मार्क जुकेरबर्ग की सफलता के 6 फंडे

Facebook के CEO मार्क जुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) का जन्म...

Steve Jobs : जानिए Apple के संस्थापक स्टीव जाॅब्स की सफलता का मूल मंत्र

स्टीवन पॉल (Steve Jobs) जॉब्स एक अमेरिकी बिजनेस-टाइकून और...

Self confidence बढ़ाने के 5 तरीके, आज ही आजमाएं

Self confidence व्यक्ति को जीवन में कदम-कदम पर काम...

Business Mantra

जीवन मंत्र

खाटूश्यामजी बाबा की आरती में समय परिवर्तन, अब सुबह 7:15 से होगी श्रृंगार आरती

खाटूश्यामजी: खाटूश्यामजी बाबा मंदिर की प्रबंधन समिति ने एक...

Automobile

Motivational

Mark Zuckerberg : Facebook CEO मार्क जुकेरबर्ग की सफलता के 6 फंडे

Facebook के CEO मार्क जुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) का जन्म...

Steve Jobs : जानिए Apple के संस्थापक स्टीव जाॅब्स की सफलता का मूल मंत्र

स्टीवन पॉल (Steve Jobs) जॉब्स एक अमेरिकी बिजनेस-टाइकून और...

Self confidence बढ़ाने के 5 तरीके, आज ही आजमाएं

Self confidence व्यक्ति को जीवन में कदम-कदम पर काम...

Business Mantra

National Herald Case : जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस, ED ने राहुल गांधी को क्यों बुलाया

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर (National Herald News Paper) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) औरराहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया है। सोनिया इन दिनों कोरोना से ग्रसित है और अस्पताल में भर्ती है। इसलिए राहुल गांधी की पेशी को कांग्रेंस ने शक्ति प्रदर्शन का रूप दिया है। नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी की पेशी होने पर कांग्रेस ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को परेशान कर रही है, लेकिन हम झुकेंगे नहीं।

कैसे प्रकाश में आया National Herald Case

बात साल 2012 की है, जब भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रह्मण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journal) के अधिग्रहण से जुड़े धोखाधड़ी और विश्वासघात में कुछ कांग्रेस नेता शामिल थे। उनका आरोप था कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति पर ‘गलत तरीके’ से ‘कब्जा’ किया था।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस

सुब्रह्मण्यम स्वामी का आरोप है कि YIL ने 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए ‘गलत’ तरीके से निष्क्रिय पड़ी हुई प्रिंट मीडिया कंपनी की संपत्ति का अधिग्रहण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था। यही राशि कांग्रेस की तरफ से AJL पर बकाया था। यह राशि पूर्व में अखबार शुरू करने के लिए लोन के रूप में दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि AJL को अवैध ऋण दिया गया, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।

साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की। 18 सितंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस को जांच के लिए फिर से खोल दिया।

आरोपों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी का दावा है कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) को चैरिटी के उद्देश्य से बनाया गया है, न कि लाभ के उद्देश्य से। कांग्रेस का दावा है कि कंपनी के शेयर ट्रांसफर करने में किसी तरह का कोई अवैध तरीका नहीं अपनाया गया है। दावा किया गया कि यह कोई वाणिज्यक लेन-देन नहीं है। यही नहीं कांग्रेस ने तो सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा शिकायत दर्ज करने पर भी आपत्ति जताई और उनके इस कृत्य को राजनीति से प्रेरित करार दिया।

AJL के शेयर धारकों का आरोप

उस समय कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि कंपनी के शेयर यंग इंडिया लिमिटेड के नाम ट्रांसफर करने से पहले उन्हें किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया। उनका आरोप था कि उनके पूर्वजों के नाम AJL के जो शेयर थे, उन्हें बिना उनकी सहमति के साल 2010 में यंग इंडिया लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया। AJL के शेयरधारकों में देश के पूर्व कानून मंत्री और वकील शांति भूषण (Shanti Bhushan), इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) और मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मार्कंडेय काटजू व कई अन्य शामिल थे, जिन्होंने यह आरोप लगाए।

सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत में किन लोगों के नाम थे

जब सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में निचली अदालत में शिकायत दी तो इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के नाम थे।

नेशनल हेराल्ड केस में अब तक क्या कुछ हुआ

साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी से कहा कि वह शीघ्र सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में केस फाइल करें। 19 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जमानत दे दी। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पांच आरोपियों (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे) को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने पर छूट दे दी। हालांकि, कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।

साल 2018 में केंद्र सरकार ने 56 साल पुराने पट्टे को समाप्त करके, हेराल्ड हाउस परिसर से AJL को इस आधार पर बेदखल करने का फैसला किया कि इसमें अब छपाई से जुड़ी गतिविधियां नहीं होती हैं। साल 1962 में छपाई के कार्य के लिए यह एग्रीमेंट हुआ था। L&DO चाहता था कि AJL 15 नवंबर 2018 तक बिल्डिंग उनके हवाले कर दे। इस बेदखली के आदेश में दावा किया गया कि अब इस इमारत का इस्तेमाल पूरी तरह से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था। हालांकि, 15 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक परिसर (Eviction of Unauthorised Occupants) एक्ट 1971 के अनुसार AJL के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी।

नेशनल हेराल्ड के बारे में

द नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की कहानी साल 1938 से शुरू होती है। उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) और कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने मिलकर इस अखबार की शुरुआत की थी। इस अखबार का उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उदारवादी धड़े के विचारों और चिंताओं को आवाज देना था। नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर का प्रकाशन एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड (AJL) करता था, आजादी के बाद यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया था। एसोसिएटिड जर्नल हिंदी और उर्दू में दो अन्य अखबार भी छापता था। साल 2008 में 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के साथ अखबार को बंद कर दिया गया था।

एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड के बारे में

एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड (AJL) भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के दिमाग की उपज थी। साल 1937 में जवाहर लाल नेहरू ने 5000 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ इसकी शुरुआत की और यह सभी इस फर्म के शेयरधारक थे। यह कंपनी किसी एक व्यक्ति के नाम पर नहीं थी। साल 2010 में कंपनी के कुल 1057 शेयरधारक थे। कंपनी घाटे में चल रही थी और साल 2011 में इसकी होल्डिंग ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ को ट्रांसफर कर दी गई। ज्ञात हो कि AJL ही साल 2008 तक अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’, हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’ नाम से अखबार पब्लिश करता था। 21 जनवरी 2016 को AJL ने इन तीनों अखबारों को फिर से शुरू करने का फैसला किया।

यंग इंडिया लिमिटेड क्या है

यंग इंडिया लिमिटेड की शुरुआत साल 2010 में हुई। राहुल गांधी उस समय कांग्रेस महासचिव थे और वही इस कंपनी के डायरेक्टर भी बने। राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास यंग इंडिया लिमिटेड के 76 फीसद शेयर थे, जबकि बाकी के 24 फीसद शेयर अन्य कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के नाम थे। कहा जाता है कि कंपनी का कोई वाणिज्यिक संचालन नहीं था।

Also Read :

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. NewsPost.in पर विस्तार से पढ़ें देश की अन्य ताजा-तरीन खबरें

Hot this week

Bhadrapada Month 2025: भाद्रपद मास प्रारंभ, समझें इसका धार्मिक महत्व, भूलकर भी नहीं करें ये काम

हिंदू पंचांग के छठे महीने, भाद्रपद मास की शुरुआत...

Topics

खाटूश्यामजी बाबा की आरती में समय परिवर्तन, अब सुबह 7:15 से होगी श्रृंगार आरती

खाटूश्यामजी: खाटूश्यामजी बाबा मंदिर की प्रबंधन समिति ने एक...
Exit mobile version