कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर का डेटा हुआ हैक
दुनिया को कोरोना महामारी से बचाने के लिए बनाई गई वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर का डेटा लीक हो गया है। फाइजर कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि उसने अपने कोविड-19 टीके के बारे में यूरोप के शीर्ष दवा नियामक को कुछ दस्तावेज सौंपे थे। लेकिन एजेंसी में साइबर अटैक हो गया। अमेरिकी दवा निर्माता और जर्मन साझेदार बायोनटेक एसई ने एक बयान में कहा कि उन्हें यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी द्वारा बताया गया था कि उनके प्रायोगिक वैक्सीन के लिए विनियामक सबमिशन से संबंधित कुछ दस्तावेज जो ईएमए सर्वर पर संग्रहीत किए गए थे, गैरकानूनी रूप से एक्सेस किए गए थे।
एक अन्य अमेरिका-आधारित दवा कंपनी, मॉडर्न इंक जिसकी कोविड-19 वैक्सीन डेवलपिंग फेज में है, ने कहा कि उसे डेटा ब्रीच के बारे में यूरोपीय नियामक से कोई सूचना नहीं मिली है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा “हम उनके साथ लगे हुए हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। आधुनिक साइबर साइबर सुरक्षा खतरों के लिए अत्यधिक सतर्क है।“
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फाइजर-बायोनेट और मॉडर्ना दो-डोज़ वैक्सीन दोनों एक नई तकनीक पर निर्भर करते हैं जिसे मैसेंजर आरएनए कहा जाता है। मॉडर्ना अधिकृत कोविड -19 वैक्सीन को आगे लाने की दौड़ में फाइजर से थोड़ा पीछे है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने कंडीशनल मार्केटिंग ऑथराइजेशन के लिए ईएमए से संपर्क किया है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन और बहरीन के बाद अब कनाडा ने भी फाइजर के टीके को मंजूरी दे दी है। हेल्थ कनाडा वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी के अनुसार अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन देश में मंजूरी दी गई है। अब कनाडा में भी फाइजर के टीके की खुराकें जल्द ही लोगों को दी जाएंगी। हेल्थ कनाडा के अनुसार, इस महीने 2,49,000 खुराक मिल जाएंगी। वहीं मार्च तक टीके की 40 लाख खुराक प्राप्त कर ली जाएंगी। जानकारी के मुताबिक कनाडा सरकार ने टीके की दो करोड़ खुराकों का सौदा किया है। इसके साथ ही हेल्थ कनाडा तीन और टीकों की समीक्षा कर रहा है, जिनमें मॉडर्ना का टीका भी शामिल है।
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इधर, ब्रिटेन में फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना टीके को लगाने की प्रक्रिया तो जारी है लेकिन इस बीच मंगलवार को टीका लगवाने वाले दो लोगों में इसके दुष्प्रभाव देखे गए। इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने इस संबंध में चेतावनी जारी की है। दरअसल जैसा कि पहले से तय था मंजूरी मिलने के बाद ब्रिटेन में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान जोर-शोर से शुरू कर दिया गया है। इसमें सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बुजुर्गों को टीके दिए गए, लेकिन मंगलवार को टीका लगवाने वाले एनएचएस के दो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में इसके दुष्प्रभाव देखे गए। इसके बाद एनएचएस ने एलर्जी समस्या से ग्रसित लोगों को कोरोना का टीका नहीं लेने का आग्रह करते हुए चेतावनी जारी की।
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