Latest Update: पंजाब में हाई अलर्ट, इंटरनेट बंद, जानें कब बनी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की योजना

    करीब 30 साल का अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था। आईएसआई ने भारत से बाहर स्थित खालिस्तान समर्थकों की मदद से उसे चरमपंथी बनाया ताकि वह पंजाब को फिर से आतंकवाद के काले दिनों में धकेल सके।

    - Advertisement -
    - Advertisement -

    नई दिल्ली:  खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को गिरफ्तार करने की योजना कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान ही बन गई थी। मामले की सीधी जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कथित तौर पर दोनों के बीच 2 मार्च को हुई बैठक में इस बारे में चर्चा हुई थी। सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह फिलहाल पंजाब पुलिस से फरार है। पुलिस ने जालंधर जाते समय उसके काफिले का पीछा किया, मगर वह भाग निकला। हालांकि, अमृतपाल सिंह का फाइनेंस का काम संभालने वाले दलजीत सिंह कलसी को हरियाणा के गुड़गांव में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह को आखिरी बार मोटरसाइकिल पर भागते हुए देखा गया था। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह सशस्त्र गार्डों के साथ घूमता है और उसके समर्थक खालिस्तानी अलगाववादी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जिक्र करते हुए उसे “भिंडरावाले 2.0” कहते हैं।

    अब तक 78 करीबी गिरफ्तार

    पंजाब पुलिस शनिवार से अमृतपाल सिंह की लगातार तलाश कर रही है। हालांकि अभी तक अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है. अमृतसर, फाजिल्का, मोगा और मुक्तसर समेत पंजाब के कई जिलों में धारा 144 लगाई गई है। पंजाब पुलिस ने शनिवार को एक बयान में कहा कि, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के 78 करीबियों को गिरफ्तार किया गया है। सात जिलों की पुलिस ने उस स्थान को घेर रखा है, जहां अमृतपाल के छुपे होने की संभावना है। जालंधर के शाहकोट के गांव महेतपुर के पास अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की पुलिस ने घेराबंदी की थी। अमृतपाल सिंह के पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

    इंटरनेट बंद

    पुलिस को अमृतपाल सिंह के शाहकोट आने की पहले से सूचना थी। इसीलिए पहले से ही मोगा पुलिस ने मोगा और शाहकोट के सारे रोड बंद करके बड़ा नाका लगा दिया था। पुलिस ने उसके छह साथियों को पहले पकड़ा लिया था। शाम को बाकी लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए पंजाब के कई इलाकों में शुक्रवार रात में 12 बजे से ही इंटरनेट को बंद कर दिया था। पंजाब में मोबाइल इंटरनेट 20 मार्च दोपहर 12 बजे तक बंद किया गया है। SMS सर्विस पर भी रोक है। केवल voice कॉल चलेंगे। इससे पहले ये रोक 19 मार्च दोपहर 12 बजे तक थी। इसको अगले 24 घंटे बढ़ाया गया।

    अमृतपाल पर कितने केस

    खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ तीन केस दर्ज हैं, जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के पर पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।

    झूठा मामला दर्ज करने का आरोप

    अपने प्रमुख सहयोगी लवप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करके अमृतपाल सिंह ने अपने कार्यकर्ता को पुलिस थाने से छुड़ा लिया था।  एक टीवी चैनल से बातचीत में आरोप लगाया था कि पुलिस ने उसके सहयोगी लवप्रीत सिंह उर्फ ​​तूफान सिंह के खिलाफ “झूठा मामला” दर्ज किया था, इसलिए वह और सैकड़ों “वारिस पंजाब दे” समर्थक अमृतसर के अजनाला में पुलिस से मिलने गए थे। जहां लवप्रीत सिंह को रखा गया था। अमृतपाल सिंह ने एक टीवी चैनल से कहा था, “मीडिया पूरे मामले को गलत तरीके से पेश कर रहा है। लवप्रीत सिंह के खिलाफ एक झूठी प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी। पुलिस ने लाठीचार्ज करने से पहले हमारे वाहनों को रोक दिया था।” अमृतपाल सिंह ने कहा था कि, “अगर पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज नहीं किया होता तो हिंसा नहीं होती।” उसने इन आरोपों का खंडन किया था कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उसने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का इस्तेमाल किया। सिंह ने कहा, “हम जहां भी जाते हैं, गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आगे बढ़ती है।”

    दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था

    जालंधर कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। उसकी दो कारों को जब्त कर लिया गया है और उसके गनमैनों को पकड़ा गया है। उनके हथियारों की वैधता की जांच की जा रही है और मामला दर्ज किया गया है। अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को वापस भारत भेजने के पीछे पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग है, जिसका उद्देश्य विदेशी सिख अलगाववादियों की मदद से पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद को पुनर्जीवित करना है। अधिकारियों ने यह बात कही है। उन्होंने बताया कि करीब 30 साल का अमृतपाल सिंह दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था। आईएसआई ने भारत से बाहर स्थित खालिस्तान समर्थकों की मदद से उसे चरमपंथी बनाया ताकि वह पंजाब को फिर से आतंकवाद के काले दिनों में धकेल सके।

    यह भी पढ़ें

    ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. NewsPost.in पर विस्तार से पढ़ें देश की अन्य ताजा-तरीन खबरें

     

    - Advertisement -
    News Post
    News Posthttps://newspost.in
    हिन्दी समाचार, News in Hindi, हिन्दी न्यूज़, ताजा समाचार, राशिफल, News Trend. हिन्दी समाचार, Latest News in Hindi, न्यूज़, Samachar in Hindi, News Trend, Hindi News, Trend News, trending news, Political News, आज का राशिफल, Aaj Ka Rashifal, News Today

    Latest news

    - Advertisement -

    Related news

    - Advertisement -