Health Insurance के ये हैं फायदे, खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

    - Advertisement -
    - Advertisement -

    नई दिल्ली : यदि किसी व्यक्ति के पास हर महीने हजारों रूपए की सेविंग है तो जाहिर सी बात है कि भविष्य को लेकर उसकी सेविंग लाखों रूपए में होगी। यदि आप भी उनमें से एक है तो यह खबर आपके लिए है। जब व्यक्ति फाइनेशियल रूप से मजबूत होता है और उसकी सेविंग लाखों में होती है तो जिदंगी जीने में एक अलग ही आनंद आता है।

    लेकिन इन सब के बीच यदि आपने अपनी फैमली के लिए Health Insurance Cover नहीं लिया है तो भविष्य में आपकी यह सेविंग बर्बाद हो सकती हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग अपनी सेविंग पर तो पर्याप्त ध्यान देते हैं लेकिन अपने फैमली की मेडिकल खर्च को पूरा करने के लिए Health Insurance Cover लेने में लापरवाही बरतते है। नतीजन आकस्मिक किसी बीमारी में उनकी सारी सेविंग खर्च हो जाती है।

    क्यों जरूरी है Health Insurance

    आजकल बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं और महंगी होती चिकित्सा सेवाओं को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस लेना आवश्यक है। इसके लिए आपको नियमित अंतराल पर प्रीमियम जमा कराना होता है। यह छोटी सी पहल आपको मेडिकल एमरजेंसी के वक्त टेंशन और आर्थिक खर्च की परेशानी से बचा सकती है।

    यह भी पढ़ें : Success Mantra: सफलता के ये 10 कदम चलिए, हर काम में मिलेगी सफलता

    Health Insurance लेने के फायदे

    कैशलैस उपचार की सुविधा

    यदि आपका हेल्थ इंश्योरेंस है तो आपको इलाज के दौरान पैसों की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आजकल इंश्योरेंस कंपनियों का विभिन्न हॉस्पिटलों से टाई-अप होता है। जहां आपको कैशलैस उपचार की सुविधा आसानी से मिल जाती है।

    उपचार से पहले और बाद का कवरेज

    हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले, उपचार के दौरान और छुट्टी होने के दो महीने बाद तक की अवधि को कवर किया जाता है। यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आपने कौनसा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है। कुछ पॉलिसी प्लान में मरीज के हॉस्पिटल तक लाने वाली एंबुलेंस का किराया खर्च को भी कवर किया जाता है।

    इनकम टैक्स में छूट

    आप जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भुगतान करते हैं। उस पर आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत टैक्स की छूट का प्रावधान है। आप इसकी जानकारी पॉलिसी लेते वक्त संबंधित बीमा कंपनी से ले सकते है।

    फ्री मेडिकल चेकअप

    आजकल बहुत सी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में मंथली हेल्थ चेकअप की सुविधा भी दी जा रही है। इंश्योरेंस कंपनियां आपकी पिछले एनसीबी के आधार पर हेल्थ चेकअप की सुविधा उपलब्ध कराती है। आपको इस सुविधा का लाभ उठाते हुए मंथली हेल्थ चेकअप करना चाहिए। जिससे आप गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रह सके। बीमारी के प्रारंभिक लक्षण मिलते ही उपचार करवाया जा सके।

    यह भी पढ़ें : Online Paise kaise kamaye? घर बैठे इंटरनेट से पैसा कमाने के 10 तरीके

    Health Insurance के प्रकार

    व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा

    इस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जिस व्यक्ति ने कवर लिया है। उसकी बीमारी पर होने वाला खर्च तथा हॉस्पिटल में संपूर्ण इलाज पर खर्च होने वाली राशि शामिल की जाती हैं। इस पॉलिसी में जिस व्यक्ति ने इंश्योरेंस कराया है उसकी उम्र के आधार पर प्रीमियम की राशि तय की जाती है।

    फैमली हेल्थ इंश्यारेंस पॉलिसी (Health Insurance Plans for Family)

    इसमें एक की इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत परिवार के सभी सदस्यों का विभिन्न बीमारियों के लिए इंश्योरेंस कराया जाता है। इसमें बीमा कंपनी की ओर से एक निश्चित राशि निर्धारित की जाती हैं। इस इंश्योरेंस राशि का उपयोग परिवार के सभी सदस्य या फिर एक सदस्य द्वारा किया जा सकता है।

    सीनियर सिटीजन Health Insurance Policy

    यह पॉलिसी उन बुजुर्ग लोगों के लिए है। जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। यह हेल्थ पॉलिसी ऐसे बुजुर्ग लोगों को बुढ़ापे में होने वाली विभिन्न बीमारियों पर सुरक्षा कवर देती है।

    गंभीर बीमारियों के लिए Insurance Policy

    यह हेल्थ पॉलिसी उन लोगों के लिए है, जो पैरालिसिस, कैंसर, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर आदि गंभीर रोगों से ग्रस्त है और उन्हें इन बीमारियों के उपचार की आवश्यकता है। इन बीमारियों के उपचार पर खर्च होने वाली राशि अधिक होती है। इसलिए इस तरह की पॉलिसी का प्रीमियम भी अन्य की तुलना कुछ ज्यादा होता है।

    निजी दुर्घटना बीमा पॉलिसी

    यह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी दुर्घटना होने की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करती है। इस पॉलिसी का प्रीमियम इस पर निर्भर करता है कि आप इंश्योरेंस कवर के रूप में कितनी राशि चाहते हैं।

    यह भी पढ़ें : Car Insurance लेते समय ना करें ये ग़लती (2020-21)

    Health Insurance लेते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय पॉलिसी की शर्तों को सावधानी से पढ़े और समझे। यदि आपको कुछ संशय हो तो किसी एक्सपर्ट से जानकारी ले सकते हैं।
    • विभिन्न हेल्थ कंपनियों की अपनी-अपनी पॉलिसी शर्ते होती है इनका प्रीमियम भी अलग होता है। ऐसे में आप इन इंश्योरेंस कंपनियों की आपस में तुलना करें। उसके बाद सोच-समझकर कर ही कोई पॉलिसी खरीदें। आपको बहुत सी साइट मिल जाएंगी जहां आप ऑनलाइन इन कंपनियों की डिटेल चेक कर सकते हैं।
    • पॉलिसी में कैशलेस इलाज की सुविधा है या नहीं। इसकी अच्छी तरह जांच की जानी चाहिए। कई बार पॉलिसी की शर्तों के अनुरूप इंश्योरेंस कंपनियां कैशलेस की सुविधा देने से मुहं मोड़ लेती है।
    • पॉलिसी में इस बात को ध्यान से देखना जरूरी है कि किन बीमरियों के इलाज को कवर किया गया है किसे नहीं। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है।

    Latest Hindi News से जुड़े, अन्य अपडेट के लिए हमें फेसबुक पेज और ट्विटर पर फॉलो करें

    इस खबर काे शेयर करें

    - Advertisement -
    News Post
    News Posthttps://newspost.in
    हिन्दी समाचार, News in Hindi, हिन्दी न्यूज़, ताजा समाचार, राशिफल, News Trend. हिन्दी समाचार, Latest News in Hindi, न्यूज़, Samachar in Hindi, News Trend, Hindi News, Trend News, trending news, Political News, आज का राशिफल, Aaj Ka Rashifal, News Today

    Latest news

    - Advertisement -

    Related news

    - Advertisement -