Mahashivratri: इस साल महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 300 साल बाद ग्रह नक्षत्रों का त्रिकोणीय दुर्लभ और शुभ संयोग होने से भी महाशिवरात्रि खास रहेगी। साल में में आने वाली 12 शिवरात्रि में महाशिवरात्रि का अलग महत्व है।
शिव भक्त महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव रूप में मनाते हैं। 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व ग्रहों की शुभ युति, शिवयोग के सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर तरण, मकर, कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी। कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा। ये योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं, जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है।
इस बार महाशिवरात्रि पर यह त्रिकोणीय योग बनेगा। इस दुर्लभ योग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी। पंचामृत, अभिषेक, षोडशोपचार या पंचोपचार पूजन,अष्टाध्यायी, रुद्र, लघु रुद्र, महारुद्र के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
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Mahashivratri के दिन नई शुरुआत करना फलदायी
ज्योतिषाचार्य पं. धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव पूजा करने और व्रत रखने सेपरमसिद्धि मिलती है। सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष शुभ माना जाता। है। इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, बिजनेस या फिर नौकरी में नई शुरुआत करना फलदायी माना गया है। सालों बाद ऐसा अद्भुत संयोग आता है, ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए समृद्धि पाने का अवसर है।
इस तरह करें शिवजी की आराधना
ज्योतिषाचार्य पं. विष्णु शास्त्री के अनुसार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शिवलिंग व पर शहद से अभिषेक करना शुभ होता है। इससे श्रद्धालु के जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर होती हैं और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। दही से रुद्राभिषेक से आर्थिक क्षेत्र में आ रही सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। वहीं, गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। शिव अभिषेक के दौरान 108 बार ओम पार्वती पतये नमः मंत्र का जाप करने से जीवन में अकाल संकट से बचा जा सकता है। पति-पत्नी व एक साथ शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुख में रहता है।(Mahashivratri)
महाशिवरात्रि के मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 08 मार्च शुक्रवार को रात्रि 09:57 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 9 मार्च को शाम 06:17 होगा। जबकि महाशिवरात्रि निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात में 12:07 से 12:56 तक है। दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त 05:01 से प्रारंभ होगा।
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