Chandrayaan-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रूव पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रचा। 23 अगस्त से अब तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कई रिसर्च की हैं। लेकिन अब रोवर प्रज्ञान को सुला दिया गया है। रोवर को स्लीप मोड (Chandrayaan-3 Sleep mode) में डाल दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर अब रात होने वाली है और 15 दिन बाद ही सूर्योदय होगा।
बता दें चंद्रमा का एक दिन धरती के 15 दिन के बराबर होता है। चंद्रयान को स्लीप मोड में डालने के विषय में ISRO ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर कर जानकारी दी है। इस पोस्ट में ISRO ने लिखा ‘रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। अब यह सुरक्षित तरीके से एक जगह पर पार्क है और स्लीप मोड में है। APXS और LIBS पेलोड को बंद कर दिया गया है। इन दोनों पेलोड में जो डाटा था, उसे विक्रम के जरिए धरती पर भेज दिया गया है। फिलहाल बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। सोलर पैनल 22 सितंबर को संभावित सूर्योदय से मिलने वाली रोशनी की तरफ हैं। रिसीवर को ऑन रखा गया है। उम्मीद है कि चंद्रमा पर सूर्योदय के समय प्रज्ञान ठीक से ऑन होगा और आगे के असाइनमेंट पूरे करेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर यह हमेशा के लिए वहां पर भारतीय राजदूत (India’s Lunar Ambassador) के रूप में रहेगा।
चंद्रमा पर 6 सितंबर को सूर्यास्त हो जाएगा और पूरी तरह से अंधेरा छा जाएगा। इसके बाद 15 दिन में सूर्योदय होगा। अगर उस समय प्रज्ञान ऑन हो पाया तो आगे के कार्य शुरू होंगे। ज्ञात हो कि ISRO ने चंद्रयान को 23 अगस्त 2023 की शाम करीब 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा था। तब वह सूर्योदय हो रहा था। इसरो का प्लान ही यही था कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को ऐसे समय पर चंद्रमा की सतह पर उतारा जाए। जिससे उन्हें 14-15 दिन का समय मिले। अब अगले 14-15 दिन तक सूर्य की रोशनी नहीं मिलेगी। इसलिए प्रज्ञान की बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करके फिलहाल उसे बंद कर दिया है।
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