अगर आप नई प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं या पहले से कोई मकान-जमीन खरीद चुके हैं, तो सबसे पहले उसके कागजातों की असलियत जांचना बेहद जरूरी है। अच्छी खबर यह है कि अब आपको सरकारी दफ्तरों में लंबी लाइनों में घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं। डिजिटल इंडिया के तहत सभी राज्य सरकारों ने भू-अभिलेखों को ऑनलाइन कर दिया है। अब आप घर बैठे अपनी रजिस्ट्री और उससे जुड़े सभी दस्तावेज आसानी से देख सकते हैं। पहले यह प्रक्रिया समय लेने वाली और धोखाधड़ी का शिकार बनने का खतरा ज्यादा था – लेकिन अब सब कुछ पारदर्शी और तेज हो गया है।
हर राज्य का अपना आधिकारिक पोर्टल है, जहां आप प्रॉपर्टी के दस्तावेज मुफ्त में चेक कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में www.igrsup.gov.in पर जाएं। वहां ‘रजिस्ट्री सर्च’ या ‘प्रॉपर्टी डिटेल्स’ सेक्शन चुनें। निम्न जानकारी भरें: रजिस्ट्री नंबर, जिला, प्लॉट नंबर या खसरा नंबर, मालिक का नाम, रजिस्ट्री की तारीख। बस! कुछ ही सेकंड में पूरी रजिस्ट्री का रिकॉर्ड आपके सामने होगा। इससे समय बचता है और धोखेबाजों को पकड़ना भी आसान हो जाता है।
ऑनलाइन आपको मिलेंगी ये महत्वपूर्ण डिटेल्स: मालिक का नाम, रजिस्ट्रेशन तारीख, स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रार ऑफिस और अन्य दस्तावेज जैसे बिक्री पत्र, नक्शा आदि। अब बस अपनी फिजिकल रजिस्ट्री को ऑनलाइन रिकॉर्ड से मिलान करें। अगर सब मेल खाता है, तो दस्तावेज असली है। आप इसे डाउनलोड या प्रिंट भी कर सकते हैं। लेकिन अगर “Record Not Found” या “Invalid Entry” दिखे, तो तुरंत सावधान! यह रजिस्ट्री अधूरी या फर्जी हो सकती है। ऐसे में सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर रजिस्ट्री बुक में एंट्री चेक करवाएं। वहां 50-200 रुपये की छोटी-सी वेरिफिकेशन फीस लगती है।
केवल रजिस्ट्री चेक करना काफी नहीं। पूर्ण सुरक्षा के लिए दो दस्तावेज जरूर लें। पहला, एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट यानी EC। यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन, विवाद या कानूनी दावा तो नहीं। इसमें कई सालों के सभी लेनदेन दर्ज होते हैं। ऑनलाइन या ऑफिस से आसानी से मिल जाता है। दूसरा, म्यूटेशन रिकॉर्ड या नामांतरण। यह पुष्टि करता है कि मालिकाना हक सही ढंग से ट्रांसफर हुआ या नहीं। राजस्व विभाग की वेबसाइट जैसे भूलेख पोर्टल पर चेक करें। सुझाव: प्रॉपर्टी खरीदने से पहले EC, म्यूटेशन और ऑनलाइन रजिस्ट्री – तीनों चेक करें।
अब धोखाधड़ी का डर कम हो गया है। घर बैठे, मुफ्त में, कुछ ही मिनटों में आप अपनी प्रॉपर्टी की पूरी सच्चाई जान सकते हैं। बस सही पोर्टल, सही जानकारी और थोड़ी सतर्कता – यही आपकी सुरक्षा की कुंजी है। अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आज ही चेक करें – और सुरक्षित निवेश करें!
नोट: हर राज्य का पोर्टल अलग है। अपने राज्य का भूलेख या रजिस्ट्री पोर्टल गूगल करें या राजस्व विभाग से संपर्क करें।
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