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Zarina Hashmi: कौन थीं जरीना हाशमी, जिन पर Google ने बनाया Doodle, कैसे बनी सेलिब्रिटी

Zarina Hashmi: आज भारतीय-अमेरिकी कलाकार जरीना हाशमी (Zarina Hashmi) के 86वें जन्मदिन पर Google us खास डूडल बनाया है। इस डूडल को न्यूयॉर्क की गेस्ट चित्रकार तारा आनंद (Tara Anand) ने डिजाइन किया है और इसमें जरीना हाशमी के आर्टवर्क को चित्रित किया गया है। जरीना हाशमी को जीवन में मिली सफलताओं की लिस्ट काफी लंबी है। इसी कारण वे आज भी हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई है।

बता दे कि ज़रीना हाशमी का जन्म 16 जुलाई 1937 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। भारत विभाजन के बाद वर्ष 1947 में वो अपने चार भाई-बहनों के साथ पाकिस्तान जाने को मजबूर हो गई। इसके बाद उनका परिवार वहां कराची में बस गया। हालांकि यह बताया जाता है कि इसके बाद भी जरीना का मन भारत में रमा हुआ था।

21 साल की उम्र में जरीना हाशमी का निकाह एक युवा विदेश सेवा से जुड़े राजनयिक से हुआ। इसके बाद वे अपने राजनयिक पति के साथ दुनिया की यात्रा की। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय बैंकॉक, पेरिस और जापान में बिताया। यहां वे प्रिंटमेकिंग और आधुनिकतावाद और अमूर्तता जैसे कला आंदोलनों में शामिल हुई।

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महिला कलाकारों के अधिकारों के लेकर चलाया आंदोलन

ज़रीना हाशमी 1977 में न्यूयॉर्क चली गईं थी और महिलाओं कलाकारों की वकील बन गई। वह जल्द ही हेरेसीज़ कलेक्टिव में शामिल हो गईं। यह एक नारीवादी प्रकाशन था। जिसने कला, राजनीति और सामाजिक न्याय के अंतर्संबंध का पता लगाया था। वह न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्यूट में पढ़ाती थी। उन्होंने कहा कि महिला कलाकारों को समान शिक्षा के अवसर मिलने चाहिए, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारा जा सके। उन्होंने महिला कलाकारों के अधिकारों को लेकर आंदोलन भी चलाया।

AIR में किया था कार्यक्रम

साल 1980 में जरीना ने AIR में एक प्रदर्शनी का सह-संचालन किया। इस गैलरी का नाम “अलगाव की द्वंद्वात्मकता: संयुक्त राज्य अमेरिका की तीसरी दुनिया की महिला कलाकारों की एक प्रदर्शनी” था। इस अभूतपूर्व प्रदर्शनी में अलग-अलग तरह के कलाकारों के काम को प्रदर्शित किया गया और महिला कलाकारों को भी जगह दी गई थी।

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वर्ष 2020 में हुआ निधन

जरीना हाशमी को साल 1980 में न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टिट्यूट के एक बोर्ड मेंबर बनाया गया था। उसके बाद उन्हें एक फेमिनिस्ट कलाकार जर्नलिस्ट के रूप में पहचान मिली। संघर्षों के बीच महिलाओं के लिए आवाज उठाने वाली जरीना हाशमी का निधन अल्जाइमर के चलते 25 जुलाई साल 2020 को हुआ था।

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