महिला ने शादी के पहले कराई थी नसबंदी, फैमिली कोर्ट ने शादी शून्य घोषित की

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    भोपाल। फैमिली कोर्ट में एक पुरुष ने महिला के द्वारा किए गए धोखे से आहत होकर पत्नी के खिलाफ शादी शून्य करने का मामला दर्ज कराया था। ढाई साल पहले लगाई गई अर्जी पर सुनवाई करते हुए साक्ष्यों और दस्तवेजों को आधार मानते हुए प्रधान न्यायधीश आरएन चंद ने अपने फैसले में शादी शून्य घोषित की है। जज ने महिला के द्वारा पहले पति तलाक लिए बिना ही दूसरे व्यक्ति से शादी करने और और दूसरे पति से नसबंदी छिपाने के बात को आधार माना। यह पहला मामला है जिसमें महिला के द्वारा की गई धोखाधड़ी और नसबंदी की बात छिपाने पर शादी शून्य घोषित की गई।

    महिला ने पहले शादी व नसबंदी की बात छूपाई

    प्रकरण में एडवोकेट मोहम्मद जुबेर ने बताया कि जहांगीराबाद निवासी 34 वर्षीय युवक की ओर से जिला कोर्ट में निकाह शून्य कराने आवेदन दिया था। युवक का निकाह 27 सितंबर 2018 को हुआ था। मेहर की रकम 21 हजार रुपए तय हुई थी। युवक ने कोर्ट को बताया कि उसकी दूसरी पत्नी पहली पत्नी की दूर की रिश्तेदार थी। रिश्तेदारी होने के बाद भी उसे पता नहीं चला कि वह पहले से शादीशुदा है। दोनों में प्यार हुआ। इसके बाद दोनों ने मुस्लिम रीति रिवाज से शादी कर ली।

    युवक ने कोर्ट को बताया कि शादी में केवल धोखा ही मिला। शादी के लंबे समय बाद भी पत्नी जब गर्भधारण नहीं कर पाई तो पति ने उसे स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास ले जाने की बात की। पत्नी पहले आनाकानी करती रही। जब पति ने जिद की तब पत्नी डाॅक्टर के पास गई। तब पता चला कि महिला की नसबंदी हुई है। युवक ने कोर्ट के सामने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि उसकी पत्नी की पहले शादी हो चुकी है। उसने पहले पति को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी की है।

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    राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के दौरान हुआ खुलासा

    पति ने बताया कि उसकी पत्नी के झूठ का खुलासा तब 29 जनवरी 2019 को राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के दौरान हुआ। उसने पत्नी से आधार कार्ड मांगा तो उसने टालमटोल की। इसके बाद वह उसे लेकर आधार कार्ड बनवाने के लिए ले गया। जब उसके फिंगर प्रिंट लिए गए तो पता चला कि पत्नी का पहले से आधार कार्ड बना हुआ है। यह आधार कार्ड 2012 में बना था। जब उसका आधार का प्रिंट लिया तो पता चला कि उसकी उम्र 46 साल है। आधार में उसके पहले पति का नाम था। पत्नी पूर्व पति को तलाक नहीं लिया। उसने अपनी उम्र छिपाने, नसबंदी और शादी छिपाने की बात को लेकर विवाद हुआ। जिसके बाद पत्नी अपने पहले पति के पास चली गई।

    महिला थाने में प्रताड़ना का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया था

    मामले में महिला ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला महिला थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसमें उसने अपनी शिकायत में बताया था कि उसकी काॅस्टमेटिक की दुकान थी। इसी दौरान उसका परिचय एक युवक से हुआ था। उसके कहने पर उसने पहले पति से तलाक लिया था। कोर्ट में महिला का कहना था कि युवक को सारी बातों की जानकारी थी, वह भरण-पोषण देने से बचने के लिए यह प्रपंच रच रहा है। हालांकि वह अपने पहले पति से तलाक सहित अन्य बातों के संबंध में कोई साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाई।

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    पहले पति के जिंदा रहते दूसरा विवाह शून्य

    कोर्ट ने मुस्लिम मैरिज एक्ट को आधार मानते हुए फैसला दिया कि यदि कोई महिला पहले पति से तलाक लिए बिना उसके जिंदा रहते हुए दूसरा विवाह करती है तो ऐसा विवाह शून्य होता है।

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