कोलकाता। पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के तहत शनिवार को पश्चिम बंगाल में चौथे चरण की 44 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्य के दो मंत्रियों का चुनावी भविष्य भी ईवीएम में कैद हो जाएगा।
राज्य में चौथे चरण में उत्तरी बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरद्वार जिले की सभी तथा दक्षिण-24 परगना और हुगली की कुछ सीटें शामिल हैं। आयोग ने 15,940 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की 789 कंपनियां तैनात की हैं।
सबसे ज्यादा 187 कंपनियां कूचबिहार में तैनात हैं। इससे पूर्व 2016 के विधानसभा चुनाव में इन 44 सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने 39 सीटें जीती थीं। तब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को दो और भाजपा, कांग्रेस तथा फॉरवर्ड ब्लॉक को एक-एक सीट मिली थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल की बढ़त 25 सीटों तक सिमट गई। वहीं भाजपा 19 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी।
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केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ बयान पर ममता को आज देना होगा जवाब
चौथे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ बयान के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस दिया है। आयोग ने ममता से शनिवार 11 बजे तक जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि अगर ममता बनर्जी जवाब नहीं देती तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले आयोग ने ममता को ‘मुस्लिमों के एकजुट हो जाने’ वाले बयान पर नोटिस भेजा गया था। इस बीच ममता बनर्जी ने शुक्रवार को चुनावी सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गुंडा और दंगाबाज बताकर नया विवाद खड़ा किया है।
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चुनाव आयोग ने ममता के सुरक्षा अफसर को हटाया
ममता बनर्जी की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी अशोक चक्रबर्ती को चुनाव आयोग ने हटा दिया है। आयोग ने इसी 10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ममता की सुरक्षा में चूक को लेकर यह कार्रवाई की है। चुनाव प्रचार के दौरान ममता के पैर में चोट लग गई थी। इसे लेकर काफी बवाल हुआ था। ममता ने भाजपा पर हमले का आरोप लगाया था।
वहीं ममता बनर्जी का चोट लगने की घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कलकत्ता हाईकोर्ट जाने को आदेश दिया है।