नई दिल्ली। गुरु और शनि के बाद अब बुध ग्रह इस साल तीसरी बार वक्री हो गए है। यह वक्री गति से चलते हुए 2 अक्टूबर रात 2.45 बजे उच्च राशि कन्या में प्रवेश करेंगे। कन्या राशि पर ही गोचर करते हुए बुध 18 अक्टूबर को रात्रि 8.46 बजे मार्गी होंगे और 2 नवंबर को फिर से तुला राशि में सुबह 9.51 बजे गोचर करेंगे। मार्गी अवस्था में गोचर करते हुए यह 21 नवंबर को वृश्चिक राशि में अर्द्धरात्रि 4.50 बजे प्रवेश कर जाएंगे। ज्योतिर्विद के अनुसार इनके राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। बुध 18 अक्टूबर की शाम 8.46 बजे तक वक्री चाल से चलेंगे। 2 अक्टूबर को कन्या राशि में आते ही यहां पर पूर्व से ही स्थित मंगल, सूर्य से युति होने के कारण आकाश मंडल में 17 दिन के लिए त्रिग्रही योग बन जाएगा। कन्या राशि में रहते हुए बुध 3 अक्टूबर की सुबह 11.31 बजे अस्त हो जाएगा। 16 अक्टूबर को रात 9.28 बजे बुध का उदय होगा।
फसल उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
बुध और गुरु 18 अक्टूबर को सुबह 11:01 बजे मार्गी होंगे। इससे फसल उत्पादन अधिक होंगे। जनता के हित राजनीतिक पार्टियां बेहतर निर्णय लेंगी। सूर्य-मंगल का योग होने से सेना का वर्चस्व बढ़ेगा। कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदा के साथ जन-धन की हानि भी संभावित है।
नौकरी खो चुके लोगों को मिलेगी राहत
इसके पहले यह 30 जनवरी को कुंभ राशि से मकर राशि में और 30 मई को मिथुन से वृषभ राशि में बुध वक्री हुए थे। इस समय बुध, गुरु, शनि के साथ राहु और केतु भी वक्री है। यानी मौसमी स्थितियां कभी बेहतर तो कभी खराब हाेंगी। इनके वक्री होने से विभिन्न राशि के जातक के ऊपर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, बुध के वक्रीय होने से नौकरी खो चुके लोगों को राहत मिल सकती है। उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
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